सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण

 सरल आवर्त गति ( Simple Harmonic Motion)- 

जब कोई पिण्ड इस प्रकार गीत कर है।  कि वह पथ को बार बार दोहराए,पिण्ड का त्वरण  का विस्थापन के समानुपाती हो त्वरण की दिशा सदैव माध्य स्थिति की ओर हो तो इस गति को सरल आवते गति कहते हैं।

सरल आवर्त गति की विशेषताएँ- 

सरल आवर्त गति की तीन विशेष
  1. इन गति मे पिण्ड अपने पथ को बार - २ दोहरता है।
  2. पिण्ड का त्वरण विस्थापन के समानुपाती होता है ( f समानुपाती Y)
  3. त्वरण की दिशो सदैव माध्य स्थिती की और होती है
 सरल जावर्त गति का विस्थापन समीकरण-

माना एक पिण्ड P,a त्रिज्या के वृत्त की परिधि से पर कोणीय वेग  omega से गति कर रहा है! T समय बाद वह A से B तक पहुंच जाता है। तब उसका लम्वपाद 0, 
N पर पहुंच जाता है।


सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण


सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण


यही सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण कहलाता है, तो किसकी सहायता से किसी भी क्षण tपर सरल आवर्त गति करते वास्तविक कारण के इसकी साम्य स्थिति से विस्थापन Y के मान की गणना की जा सकती है,


Previous Post Next Post