मनोविज्ञान के सम्प्रदाय, संरचनावाद,प्रकार्यवाद,व्यवहारवाद,उद्देश्यवाद

 मनोविज्ञान का संप्रदाय

मनोविज्ञान के सम्प्रदाय, संरचनावाद,प्रकार्यवाद,व्यवहारवाद,उद्देश्यवाद



यहां पर मनोविज्ञान के संप्रदाय से हमारा अर्थ उन तमाम विचारधारा से है,जो समस्या का मनोविज्ञान को प्रभावित करती है।

1. संरचनावाद-
  • यह मनोविज्ञान का सबसे पुराना संप्रदाय है,इसकी नीव जर्मनी के विल्हेम वुण्ट ने रखी,वुण्ट मानते थे कि हमारे हर अनुभव का आधार चेतना है,चेतना एक संरचना है इसलिए इसे संरचनावाद का सिद्धांत करते हैं।
चेतना के तीन अंग है
  1. संवेदना
  2. भाव
  3. प्रतिमा
  • 1879 में वुण्ट ने मनोविज्ञान की पहली प्रयोगशाला जर्मनी के लिपजिग शहर मे स्थापित की,क्योंकि पहली प्रयोगशाला वुण्ट स्थापित की इसलिए प्रयोगात्मक मनोविज्ञान तथा प्रयोगात्मक विधि का जनक भी वुण्ट को ही माना जाता है।
  • क्योंकि चेतना अमूर्त है,और दिखाई नहीं देती इसलिए वुण्ट की अध्ययन विधि को अंतर दर्शन विधि का नाम दिया गया।

2.प्रकार्यवाद-
  • प्रकार्यवाद का जन्म संरचनावाद के बाद हुआ।
  • इसके जनक प्रसिद्ध अमेरिकी मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स है।
  • विलियम जेम्स  ने संरचनावाद का विरोध किया और कहा कि जब चेतना दिखाई नहीं पड़ती है तो चेतना के अंग बताने का कोई मतलब ही नहीं है।
  • उन्होंने कहा कि चेतना की अंग बताने की कोई जरूरत नहीं है,बल्कि हमें चेतना के कार्यों को समझने का प्रयास करना चाहिए।
  • इसलिए इस सिद्धांत का नाम प्रकार्यवाद पड़ा।
  • विलियम जेम्स ने पहली बार मनोविज्ञान में मूल प्रवृत्ति शब्द का प्रयोग किया।
  • जेम्स ने the principal of psychology नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी जिसे कई विद्वान मनोविज्ञान की पहली प्रमाणित पुस्तक भी मानते हैं।
  • जेम्स ने कैम्ब्रिज मैं मनोविज्ञान की दूसरी प्रयोगशाला भी खोली।
  • उनकी प्रसिद्ध पुस्तक the principal of psychology  की बढ़ती हुई लोकप्रियता उन्हें मनोविज्ञान का जनक बना दिया।
  • इसके अलावा जेम्स आत्म संप्रत्यय तथा चेतना के धाराप्रवाह शब्द भी दिए हैं।
  • चेतना के धाराप्रवाह शब्द का अर्थ है कि हमारी चेतना एक ही समय भूत भविष्य वर्तमान तीनों कालों में होती है।

 3.व्यवहारवाद-
  • व्यवहारवाद की स्थापना 1913 अमेरिका के हापाकिन्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जे बी वाटसन ने की थी।
  • वाटसन ने कहा कि जब बेतना दिखाई ही नहीं देती है,तो उसके अध्ययन का कोई भी अर्थ नहीं है,क्योंकि इस तरह से मनोविज्ञान की विषय को लेकर बहुत से भ्रम उत्पन्न हो सकते हैं।
  • चेतना की जगह मनोविज्ञान में मानव की बाहरी व्यवहार का अध्ययन किया जाना चाहिए क्योंकि बाहरी व्यवहार सभी के द्वारा निष्पक्ष रुप से देखा जा सकता है।
  • इसलिए इस सिद्धांत का नाम व्यवहारवाद पड़ा।
  • उद्दीपक हमेशा बाहरी वातावरण में होता है।
  • क्योंकि जी बी वाटसन ने बाहरी वातावरण के अध्ययन पर जोर दिया है इसलिए उनकी अध्ययन विधि को बहिदर्शन  विधि कहलाती है।
  • वाटसन ने अपने सिद्धांत को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यवहारवाद पर अपनी प्रसिद्ध पुस्तक लिखी
  • इसके अलावा वाटसन ने S-O-R का सिद्धांत दिया।
  • अल्बर्ट नामक एक छोटे बच्चे का अध्ययन करके वाटसन ने यह निष्कर्ष निकाला कि शिशु में क्रोध भय इसने तीन सम्वेग पाए जाते हैं।
  • यह वाटसन की ही देन है कि मनोविज्ञान आज भी व्यवहार का विज्ञान थार्नडाइक, गुथरी, पावलाव , स्किनर, टालमैन, मैकडूगल आदि सभी व्यवहारवादी मनोवैज्ञानिक है,और इन पर जी बी वाटसन का गहरा प्रभाव दिखाई देता है।
  • "जन्म के समय सभी शिशु बराबर समान होते "
  • "तुम मुझे एक नवजात शिशु दो मैं उसे वकील डॉक्टर यह चोर कुछ भी बना सकता हूं" वाटसन ने कहा था।

4.उद्देश्यवाद-
  • हार्मिक वाद या उद्देश्यवाद के जनक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक विलियम मैकडूगल माने जाते हैं।
  • हार्मिक ग्रीक/ यूनानी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है उद्देश्या या प्रयोजन।
  • हमारे प्रत्येक व्यवहार का कोई ना कोई उद्देश्य होता है।
  • हमारे प्रत्येक व्यवहार का कारण हमारी जन्मजात मूल प्रवृत्ति होती है।
  •  प्रत्येक व्यवहार के प्रेरणा शक्ति या कारण के रूप में मूल प्रवृत्ति काम करती है,इसलिए मैक्डूगल द्वारा दिया गया यह मूल प्रवृत्ति का सिद्धांत अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति का सिद्धांत कहलाता है।
  • मैक्डूगल ने विभिन्न प्रकार के व्यवहारों को ध्यान में रखते हुए 14 प्रकार की मूल प्रवृत्तिया बतायी है।  तथा इन मूल प्रवृत्तियाके भावात्मक पक्ष के रूप में 14 संवेग भी जुड़े हैं।
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