नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) बनाने की विधियां
- आस्टवाल्ड विधि
- वर्कलैण्ड और आइङ की विधि
1.ओस्टवाल्ड विधि-
अमोनिया (NH₃) और वायु के मिश्रण को उत्प्रेरक कक्ष में ले जाते है जहाँ Pt उत्प्रेरक की उपस्थित मे 800°C ताप पर गर्म करते है। तो NO प्राप्त होता है। इसे आक्सीकारक कक्ष में ले जाते है। जहाँ NO का आक्सीकरण NO₂ में हो जाता है| NO₂ को अवशोषक कक्ष में ले जाते है। जहाँ जल धीरे-धीरे टपकता रहता है।जिसमे यह अवशोषित होकर HNO₃ का निर्माण होता है।
उत्प्रेरक कक्ष में- 2NH₃+3O₂ ➡ 2NO+3H₂O
आक्सीकारक कक्ष में- 2NO+O₂ ➡ 2NO₂
अवशोषक कक्ष में- 2NO₂+H₂O ➡ HNO₃+ HNO₂
इस विधि में नाइट्रोजन और वायु के मिश्रण को आर्कमट्टी मे ले जाकर गर्म गैसों की सहायता से 3000°C ताप तक गर्म करते है ।जिससे NO प्राप्त होता है । फिर NO को कूलर मे ले जाकर इसे 1000°C ताप तक ठण्डा करते है। फिर बायलर मे ले जाकर इसे 150°C ताप तक ठण्डा करते है। फिर इसे आवसीकारक कक्ष मे ले जाते है। जहाँ NO का आक्सीकरण NO₂ में हो जाता है| NO₂ को अवशोषक कक्ष में ले जाते है। जहाँ जल धीरे-धीरे टपकता रहता है। जिसमे यह अवशोषित होकर HNO₃ का निर्माण होता है।
आर्कमट्टी मे- N₂+H₂ ➡ 2NO
आक्सीकारक कक्ष में- 2NO+O₂ ➡ 2NO₂
अवशोषक कक्ष में- 2NO₂+H₂O ➡ HNO₃+ HNO₂