वैद्युत क्षेत्र (Electric Field)
किसी आवेश के आस-पास का वह क्षेत्र जहां तक वैद्युत बल लगे, उसे उस आवेश का वैद्युत क्षेत्र कहते हैं। इसे E से प्रदर्शित करते है।
वैद्युत क्षेत्र में किसी भी आवेश का पथ सदैव परवलयाकार होता है।
- जहां पर विद्युत बल रेखाएं पास-पास होती हैं वहां प्रबल वैद्युत क्षेत्र होता है।
- जहां पर विद्युत बल रेखाएं दूर-दूर या कम रेखाएं होती हैं वहां दुर्बल विद्युत क्षेत्र होता है।
- वैद्युत क्षेत्र एक संरक्षी क्षेत्र होता है अर्थात,विद्युत क्षेत्र में किया गया कार्य पथ पर निर्भर नहीं करता है।
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता (Intensity Of Electric Field)
एकांक धन आवेश पर लगने वाला वैद्युत बल विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहलाती है। इसे "E" प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र- E=Fe/q0 = 1/4πε0 q/r²
- इसका मात्रक न्यूटन प्रति कूलाम होता है।
- यह धन दिशा से ऋण दिशा कीओर अर्थात उच्च आवेश से निम्न आवेश की ओर गति करती है।
माना एक आवेश q है जिससे दूरी r पर बिंदु P स्थित है। बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना करनी है। माना बिंदु P पर q0 आवेश है।
यदि आवेशों के मध्य परावैद्युत पदार्थ भरा है। तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
E=Fe/kq0 = 1/4πkε0 q/r²
परावैद्युत पदार्थ भर देने पर तीव्रता का मान घट जाता है।
वैद्युत बल और गुरुत्वाकर्षण बल में तुलना-
वैद्युत बल और गुरुत्वाकर्षण बल में समानताएं-
- दोनों बल वियुत्क्रम वर्ग नियम का पालन करते हैं।
- दोनों बल संरक्षी होते हैं।
- दोनों बल न्यूटन के तृतीय नियम का पालन करते हैं।
वैद्युत बल और गुरुत्वाकर्षण बल में अंतर-
वैद्युत बल आकर्षण-प्रतिकर्षण दोनों प्रकृति का होता है। जबकि, गुरुत्वाकर्षण बल केवल आकर्षण प्रकृति का होता है।
- वैद्युत बल आवेशों के बीच रखे माध्यम पर निर्भर नहीं करता है। जबकि, गुरुत्वाकर्षण बल द्रव्यमान के बीच रखे माध्यम पर निर्भर करता है।
- वैद्युत बल आवेशों के मध्य लगता है। जबकि, गुरुत्वाकर्षण बल द्रव्यमान के मध्य लगता है।