वैद्युत द्विध्रुव (Electric Dipole)
दो बराबर विपरीत आवेश सूक्ष्म दूरी पर स्थित हो तो विद्युत द्विध्रुव बनता है। इसमें आवेशों के बीच की दूरी 2l होता है। इसका कुल आवेश शून्य होता है।
उदाहरण-HCl, NaCl etc
वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण(Electric Dipole Momentum)
वैद्युत द्विध्रुव के किसी एक आवेश के परिमाण और आवेशों के बीच की दूरी के सदिश गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं।
- इसे P से प्रदर्शित करते हैं
- इसका मात्रक कूलाम मीटर होता है।
- यह एक सदिश राशि है।
- इसकी दिशा - से + की ओर होती है।
वैद्युत द्विध्रुव का बल आघूर्ण(Torque Of Electric Dipole)
वैद्युत द्विध्रुव और वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता के सदिश गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव का बल आघूर्ण कहते हैं।-
τ=PESin
θ- इसको प्रदर्शित
τ
करते हैं। - इसका मात्रक न्यूटन मीटर होता है।
- यह एक सदिश राशि है।
- τ की दिशा P से E के लंबवत अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर होती है।
वैद्युत द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा(Potential Energy Of Electric Dipole)
वैद्युत द्विध्रुव को अनन्त से वैद्युत क्षेत्र तक लंबवत स्थिति में लाने में किया गया कार्य तथा लंबवत स्थिति से किसी कोण तक घुमाने में किया गया कार्य का योगफल वैद्युत द्विध्रुव की स्थिति ऊर्जा कहलाती है।
इसे U से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र- U= -PECosθ
स्थितिज उर्जा का मान धनात्मक, ऋणआत्मक तथा शून्य हो सकता है।
अक्षीय स्थिति(Axis Position)-
इसे अनुदैर्ध्य स्थिति भी कहते हैं।
द्विध्रुव के आवेशों को मिलाने वाली रेखा अक्ष कहलाती है। इसी अक्ष पर किसी बिंदु की स्थिति अक्षीय स्थिति कहलाती है।
अक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता(Electric Field Intensity At Axial Position)-
सूत्र- E=1/4πε0 2p/r³
परिणाम तीव्रता की दिशा बाहर की ओर होती है।
निरक्षीय स्थिति(Co-Axis Position)-
इसे अनुप्रस्थ स्थिति भी कहते हैं ।
द्विध्रुव के आवेशों को मिलाने वाली रेखा को अक्ष कहते हैं इसी अक्ष के लंबवत किसी बिंदु की स्थिति निरक्षीय स्थिति कहलाती है।
निरक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता(Electric field intensity at Co-Axis position)-
सूत्र- E=1/4πε0 2p/r³
परिणाम तीव्रता की दिशा के विपरीत होती है।