जयशंकर प्रसाद जी का जीवन/साहित्यिक परिचय
नाम - जयशंकर प्रसाद
जन्म - 30 जनवरी 1889
जन्म स्थान - काशी
पिता का नाम - देवीप्रसाद
मृत्यु - 24 नवंबर 1927
जीवन परिचय-
आधुनिक हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ कवि जयशंकर प्रसाद जी का जन्म 30 जनवरी 1889 ईस्वी में काशी के प्रसिद्ध व्यक्ति परिवार में हुआ था। यह अपने माता पिता के साथ बचपन में भ्रमण किया अल्पायु में ही इनके माता-पिता की मृत्यु हो गई। जिनसे इनकी शिक्षा सुचारू रूप से नहीं चल पाई, फिर इनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई जिससे इन्होंने स्वाध्याय से अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, बंगाली, फारसी, आदि भाषाओं में अच्छा ज्ञान प्राप्त किया। इनकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही थी। इनके तीन विवाह हुए लेकिन तीनों की मृत्यु छ रोग से हो गई। फिर इनके छोटे भाई की मृत्यु हो गई। जिससे यह लगाता टूटते गए और इनकी भी मृत्यु छ रोग से 24 नवंबर 1927 हो गई।
साहित्यिक परिचय-
प्रसाद जी की काव्य में प्रेम और सौंदर्य प्रमुख विषय रहा है साथ ही उनका दृष्टिकोण मानवतावादी है उन्होंने कुल 67 रचनाएं प्रस्तुत की है ।
प्रसाद जी भाव और शिल्प दोनों दृष्टि में हिंदी के युग प्रवर्तक कवि के रूप में माने जाते हैं। भाव और कला, अनुभूति और अभिव्यक्ति वस्तु और शिल्प आदि सभी क्षेत्रों में प्रसाद जी ने युगांतकारी परिवर्तन किए। वे छायावादी काव्य की जनक और पोषक होने के साथ ही आधुनिक काव्य धारा को गौरवान्वित कर रहे हैं।
काव्य रचना-
कृतियां-
चित्रधारा, कानून-कुसुम, झरना, लहर, प्रेम पत्रिका, आंसू, कामायानी है।
नाटक-
राज्यश्री, चंद्रगुप्त, विशाख है।
उपन्यास-
कंकाल, इरावती, तितली है।
संग्रह-
प्रतिध्वनि छाया आकाशदीप आंधी