हिन्दी साहित्य का काल विभाजन
- काल विभाजन के सम्बन्ध में सबसे पहला प्रयास जॉर्ज ग्रियर्सन का है उनके द्वारा किया गया काल-विभाजन निम्नलिखित है। -
- चारण काल 700-1300 ई.।
- 15वीं शताब्दी का धार्मिक पुनर्जागरण।
- जायसी की प्रेम कविता।
- ब्रज का कृष्ण सम्प्रदाय।
- मुगल दरबार।
- तुलसीदास।
- रीतिकाव्य।
- तुलसी के अन्य परवर्ती।
- 18वीं शताब्दी।
- कम्पनी के शासन में हिन्दुस्तान।
- महारानी विक्टोरिया के शासन में हिन्दुस्तान।
- मिश्र बन्धुओं ने अपनी पुस्तक 'मिश्रबन्धु विनोद' (1913) में काल विभाजन का एक नया प्रयास किया जो ग्रियर्सन के काल विभाजन से ज्यादा विकसित है। उनका विभाजन इस प्रकार है।
1. प्रारम्भिक काल-
- पूर्वारम्भिक काल (700-1343 वि.)
- उत्तरारम्भिक काल (1344-1444 वि.)
2. माध्यमिक काल-
- पूर्वामाध्यमिक काल (1445-1560 वि.)
- प्रौढ़ माध्यमिक काल (1561-1680 वि.)
3.अलंकृत काल-
- पूर्वालंकृत काल (1681-1790 वि.)
- उत्तरालंकृत काल (1791-1889 वि.)
4. परिवर्तन काल (1890-1924 वि.)
5. वर्तमान काल 1926 वि. से अब तक
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास (1929 ई.) में काल विभाजन इस प्रकार किया है।-
2. पूर्व-मध्यकाल या भक्तिकाल संवत् 1375-1700
3. उत्तर मध्यकाल या रीतिकाल संवत् 1700-1900
4. आधुनिक काल या मध्यकाल संवत् 1900-1984
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के काल विभाजन की त्रुटियों को संशोधित कर नया रूप देने में डॉ. रामकुमार वर्मा का नाम उल्लेखनीय है। डॉ. वर्मा जी का काल विभाजन इस प्रकार है।-
2. चारणकाल (1000-1375 वि)
3. भक्तिकाल (1375-1700वि.)
4. रीतिकाल (1700-1900 fa.)
5. आधुनिक काल (1900 वि. से अब तक)
सर्वमान्य एवं सर्वप्रचलित काल विभाजन-
3. भक्तिकाल (1375-1700वि.)
4. रीतिकाल (1700-1900 fa.)
5. आधुनिक काल (1900 वि. से अब तक)
सर्वमान्य एवं सर्वप्रचलित काल विभाजन-
- आदिकाल-700 से 1400 ई.
- पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल) -1400 से 1700 ई
- उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) -1700 से 1850 ई
- आधुनिक काल- 1850 ई. से अब तक
(ii) द्विवेदी युग (वर्ष 1900-1918)
(iii) छायावाद युग (वर्ष 1918-1936)
(iv) प्रगतिवाद-प्रयोगवाद युग (वर्ष 1936-1954)
(iii) छायावाद युग (वर्ष 1918-1936)
(iv) प्रगतिवाद-प्रयोगवाद युग (वर्ष 1936-1954)
(v) नई कविता-नवलेखन युग- (वर्ष 1954 से अब तक)
आदिकाल (700-1400 ई.)
आदिकाल (700-1400 ई.)