ओवेशन(Charging)
किसी भी वस्तु में आवेश को उत्पन्न कर देना ओवेशन कहलाता है।
ओवेशन की विधियां-
ओवेशन की तीन विधियां हैं -
- चालन विधि द्वारा (Conduction Method)
- घर्षण विधि द्वारा (Friction Method)
- प्रेरणा विधि द्वारा (Induction Method)
चालन विधि द्वारा (Conduction Method)-
जब किसी आवेशित वस्तु के संपर्क में अनावेशित वस्तु को लाया जाता है। तो, अनावेशित वस्तु में भी आवेश उत्पन्न हो जाता है।
चालन विधि द्वारा समान प्रकृति का आवेश उत्पन्न होता है।
यदि दो अनावेशित वस्तुओं को आपस में रगड़ा जाता है। तो, किसी एक वस्तु से इलेक्ट्रॉन निकलकर दूसरी वस्तु में चले जाते हैं। जिससे दोनों वस्तुएं आवेशित हो जाती हैं।
एक वस्तु धन आवेशित तथा दूसरी वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है। घर्षण विधि द्वारा विपरीत प्रकार का आवेश उत्पन्न होता है।
प्रेरणा विधि द्वारा (Induction Method)-
यदि किसी आवेशित वस्तु समीप एक अनावेशित वस्तु लाई जाती है। तो अनावेशित वस्तु में भी आवेश उत्पन्न हो जाता है।
प्रेरण विधि द्वारा विपरीत प्रकार का आवेश उत्पन्न होता है।
कुछ मुख्य बिंदु -
- आवेश वेग पर निर्भर नहीं करता है।
- आवेश द्रव्यमान पर निर्भय नहीं करता है।
- यदि किसी चालक को पृथ्वी से जोड़ दिया जाए तो उस वस्तु का आवेश शून्य हो जाता है।
कूलाम का नियम(Coulomb's law)
परिचय(Introduction)-
किन्हीं भी दो आवेशों के मध्य लगने वाले आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल को वैद्युत बल कहते हैं।
सन 1785 ईस्वी में वैज्ञानिक कूलाम ने वैद्युत बल संबंधित एक नियम दिया जिसे कूलाम का नियम कहते हैं।
कूलाम का नियम स्थिर बिंदु आवेशों में लागू होता है।
कथन(Statement)-
आवेशों के मध्य लगने वाला वैद्युत बल तीन बातों पर निर्भर करता है।
- Fe∝ q1q2 अर्थात,वैद्युत बल आवेशों के परिमाण के गुणनफल के समानुपाती होता है।
- Fe∝ 1/r² अर्थात,वैद्युत आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के समानुपाती होता है।
- वैद्युत बल आवेशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश लगता है।
समीकरण एक दो को मिलाने पर-
Fe∝ q1q2/r²
Fe=1/4πε0 q1q2/r² (निर्वात व वायु में)
ε0-
नाम- कूलाम नियतांक
मान- 9×10-9
मात्रक- न्यूटन मीटर²/ कूलाम²
1/4πε0-
नाम- वायु की विद्युतशीलता
मान- 8.85×10-12
मात्रक- कूलाम²/न्यूटन मीटर²
यदि आवेशों के मध्य परावैद्युत पदार्थ भरा हो। तो, वैद्युत बल-
Fe=1/4πKε0 q1q2/r²
परावैद्युत पदार्थ का मान माध्यम में विद्युतशीलता एवं वायु में विद्युतशीलता के अनुपात को परावैद्युतांक कहते हैं।
दो आवेशों के मध्य परावैद्युत पदार्थ रखने पर विद्युत बल का मान घर जाता है।
K=ε/ε0
- वैद्युत बल न्यूटन के तृतीय नियम का पालन करता है। अर्थात F12=-F21
- वैद्युत बल संरक्षी बल होता है।
- वैद्युत बल विक्रम वर्ग नियम का पालन करता है।