अर्धचालक किसे कहते है ?और इसके प्रकार

 अर्धचालक (Semi Conductor)

ऐसे पदार्थ जो मूल रूप से अचालक हो परंतु, कुछ विशेष परिस्थितियों में चालक की भर्ती व्यवहार करें अर्धचालक कहलाते हैं। 

 उदाहरण-जर्मेनियम, सिलिकॉन। 

  •  अर्धचालक (Semi Conductor)  की संयोजकता +4 होती है. । 
  •  अर्धचालक (Semi Conductor) बिना किसी ऊर्जा हानि के आवेश वाहक को नियंत्रित कर सकते हैं। 
  •  अर्धचालक एक दिशा में (Undirectional Current) बहते हैं। 
 अर्धचालक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-
  1. Intrinsic Semiconductor (आंतरिक अर्धचालक)
  2. Extrinsic Semiconductor(बाह्य अर्धचालक)

Intrinsic Semiconductor (आंतरिक अर्धचालक)

ऐसे Semiconductor जिनमें बाहर से कोई भी अपद्रव्य या अशुद्धि ना मिलाई जाए निजी या शुद्ध अर्धचालक कहलाते हैं। 

 उदाहरण-जर्मेनियम, सिलिकॉन। 

Extrinsic Semiconductor(बाह्य अर्धचालक)

ऐसे Semiconductor जिनमें  बाहर से कोई भी अपद्रव्य या अशुद्धि मिलाई जाए वाहय या अशुद्ध अर्धचालक कहलाते हैं। 

बाह्य अर्धचालक दो प्रकार के होते हैं-

  1. N-Type Semiconductor (N प्रकार अर्धचालक)
  2. P-Type Semiconductor (P प्रकार अर्धचालक)

N-Type Semiconductor (N प्रकार अर्धचालक)

यदि Semi Conductor में +5 संयोजकता वाला अपद्रव मिलाया जाये तो N- Type Semi Conductor प्राप्त होता है। 
सिलिकॉन परमाणु की संयोजकता +4  होती है अर्थात सिलिकॉन परमाणु के बाहरी कोश में  4 इलेक्ट्रॉन होते हैं।  यह चारों इलेक्ट्रॉन अपने समीपवर्ती स्थित सिलिकॉन परमाणु के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन से सहसंयोजक बंध बनाते हैं। 
जब Semiconductor  मे +5 संयोजकता वाला अपद्रव्य मिलाते हैं।  तो अपद्रव्य का प्रत्येक परमाणु केंद्रीय सिलिकॉन परमाणु को हटाकर उसके स्थान पर बैठ जाता है।  अपद्रव्य के बाहरी कोष में 5 इलेक्ट्रॉन होते हैं जिनमें से 4 अपने समीपवर्ती सिलिकॉन परमाणु के साथ एक-एक इलेक्ट्रान से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ जाते हैं।  परंतु, अपद्रव्य का एक इलेक्ट्रान रह जाता है।  इस प्रकार प्रत्येक अपद्रव्य परमाणु से एक-एक इलेक्ट्रान शेष बचा जाता है और  इन्हीं इलेक्ट्रॉनों की गति से N- Type Semiconductor में धारा बहती है। 
  • N प्रकार अर्धचालक में आवेश वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं। 
  • N प्रकार अर्धचालक में बहुसंख्यक इलेक्ट्रॉन और अल्पसंख्यक कोटर होते हैं।  

P-Type Semiconductor (P प्रकार अर्धचालक)


यदि Semi Conductor में +3 संयोजकता वाला अपद्रव मिलाया जाये, तो P- Type Semi Conductor प्राप्त होता है। 
सिलिकॉन परमाणु की संयोजकता +4  होती है। अर्थात, सिलिकॉन परमाणु के बाहरी कोश में  4 इलेक्ट्रॉन होते हैं।  यह चारों इलेक्ट्रॉन अपने समीपवर्ती स्थित सिलिकॉन परमाणु के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन से सहसंयोजक बंध बनाते हैं। 

जब Semiconductor  मे +3 संयोजकता वाला अपद्रव्य मिलाते हैं।तो अपद्रव्य का प्रत्येक परमाणु केंद्रीय सिलिकॉन परमाणु को हटाकर उसके स्थान पर बैठ जाता है।अपद्रव्य के बाहरी कोष में 3 इलेक्ट्रॉन होते हैं। ये तीनों इलेक्ट्रॉन अपने समीपवर्ती सिलिकॉन परमाणु के साथ एक-एक इलेक्ट्रान से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ जाते हैं। परंतु, एक सहसंयोजक बंध  खाली रह जाता है। इस स्थान को कोटर कहते हैं। इस प्रकार प्रत्येक अपद्रव्य परमाणु से एक-एक कोटर उत्पन्न हो जाता है और इन्हीं कोटर की गति से P- Type Semiconductor में धारा बहती है।
  • P प्रकार अर्धचालक में आवेश वाहक कोटर होते हैं।
  • P प्रकार अर्धचालक में बहुसंख्यक कोटर और अल्पसंख्यक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
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