आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन/साहित्यिक परिचय
नाम - आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
जन्म - वर्ष 1907 में
जन्म स्थान - बलिया जिले के ''दुबे का छपरा'' नामक गांव
पिता का नाम - अनमोल द्विवेदी
माता का नाम - ज्योतिषमति
बचपन का नाम - वैधनाथ द्विवेदी
मृत्यु - 18 मई सन 1979
जीवन परिचय -
हिंदी के श्रेष्ठ निबंधकार, उपन्यासकार, आलोचक एवं भारतीय संस्कृति के विख्यात कवि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म वर्ष 1907 में बलिया जिले के ''दुबे का छपरा'' नामक गांव के एक प्रतिष्ठित सरयूपारी ब्राह्मण-कुल में हुआ था। इनके पिता जी का नाम अनमोल द्विवेदी था। माता ज्योतिषमति थी। जो प्रसिद्व पंडित कुल की कन्या थी। इस प्रकार बालक हजारी प्रसाद को संस्कृत और ज्योतिष की विद्या इन्हें उत्तराधिकार में मिली थी। सन 1930 ईस्वी में इन्होंने काशी हिंदी विश्वविद्यालय से ज्योतिषाचार्य की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद वर्ष 1940 से वर्ष 1950 तक जी शांतिनिकेतन में हिंदी भवन के निर्देशक के रूप में रहे।
इनसे इनके विस्तृत विस्तृत स्वाध्याय और सज्जन का शिलान्यास हुआ। सन 1949 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने इन्हें डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया। सन 1950 मे यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए। वर्ष 1960 से वर्ष 1966 तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिंदी विभाग अध्यक्ष बने। इन्हें सन 1957 में पद्म भूषण की उपाधि से विभूषित किया गया।
सन 1958 में यह राष्ट्रीय ग्रंथ न्यास के सदस्य बने यह कई वर्षों तक काशी नगरी प्रचारिणी सभा के उपसभापति खोज विभाग के निर्देशक तथा नगरी प्रचारिणी पत्रिका के संपादक रहे। इन्होंने भारत सरकार के सहयोग से हिंदी विकास में इन्होंने अपना योगदान दिया 18 मई 1979 में इनका निधन हो गया।
साहित्य परिचय-
आधुनिक युग के गद्दाकारों में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का महत्वपूर्ण स्थान है हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की कृतियां हिंदी साहित्य की सवस्वत निधि हैं उनके निबंधों आलोचनात्मकओ में कोटि की विकासात्मक क्षमता के दर्शन होते हैं।